श्री चन्द्र देव जी के मंत्र

चन्द्रमा के लिए मंत्र

वैदिक ज्योतिष और पौराणिक शास्त्रों में बहुत से मंत्रो का वर्णन हमें मिलता है. जन्म कुंडली में यदि चन्द्रमा शुभ होकर निर्बल अवस्था में है

तब चंद्रमा के किसी भी एक मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष के सोमवार अथवा पूर्णमासी से शुरु करना चाहिए. चन्द्रमा के मंत्र का जाप रात्रि समय में ही करना चाहिए.

चंन्द्रमा का वैदिक मंत्र

ऊँ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं ।

महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै

पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकंब्राह्माणाना ग्वं राजा ।

तांत्रोक्त मंत्र

ऊँ ऎं क्लीं सोमाय नम: ।

ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम: ।

ऊँ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

चन्द्रमा का नाममंत्र

ऊँ सों सोमाय नम:

चंद्रमा का पौराणिक मंत्र

ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम ।

नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम ॥

चंद्रमा गायत्री मंत्र

ऊँ अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि, तन्नो सोम प्रचोदयात ।

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