श्री बुध देव जी के मंत्र

बुध के लिए मंत्र जाप

बुध ग्रह को ग्रहों में राजकुमार की उपाधि दी गई है लेकिन जन्म कुंडली में यदि बुध अशुभ ग्रहों के साथ है तो यह अशुभ होता है और यदि शुभ ग्रहों के प्रभाव में है तो यह शुभ फल प्रदान करता है. ऎसी स्थिति में इस ग्रह पर एक कहावत चरितार्थ होती है जो इस प्रकार है – गंगा गये गंगाराम और जमुना गये जमुनाराम. वैसे बुध को कई महत्वपूर्ण बातों का कारक ग्रह माना गया है जैसे – वाणी का कारक, बुद्धि का कारक, त्वचा का कारक, मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र का कारक आदि. इनके अलावा भी बहुत सी बातों का कारक है लेकिन यह मुख्य कारक है. व्यवसायिक दृष्टि से बुध बिजनेस का भी कारक है.

मनुष्य को कोई भी छोटे से छोटा अथवा बड़े से बड़ा काम करने के लिए बुद्धि तो लगानी ही पड़ती है इसलिए बुध को बली बनाना आवश्यक है. यदि अशुभ है तो उसे शुभ बनाना जरुरी है. इसके लिए बुध के मंत्र जाप करने चाहिए. सुबह अथवा शाम किसी भी समय में बुध के मंत्र जाप किए जा सकते हैं. बुध के मंत्र कई प्रकार है. श्रद्धालुओं को इन्हें अपनी सुविधानुसार करना चाहिए.

बुध का वैदिक मंत्र

ऊँ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च ।

अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।।

बुध का पौराणिक मंत्र

प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम ।

सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम ।।

बुध गायत्री मंत्र

ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात ।

बुध के तांत्रोक्त मंत्र

ऊँ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:

ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:

ऊँ स्त्रीं स्त्रीं बुधाय नम:

बुध का नाम मंत्र

ऊँ बुं बुधाय नम:

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