पार्वती जी हिन्दू धर्म की देवी हैं। इन्हें आदि शक्ति भी कहा जाता है। देवी पार्वती बहुत दयालु और करुणामयी मानी जाती हैं इनकी आराधना से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। पार्वती जी की पूजा-अर्चना करते समय निम्न मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए ।
पार्वती जी के मंत्र
पार्वती जी की पूजा करते समय प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
“ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः”
“ऊँ गौरये नमः
शिव और पार्वती जी को एक साथ प्रसन्न कर इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
“ऊँ साम्ब शिवाय नमः”
“ऊँ पार्वत्यै नमः
घर में सुख- शांति बनाए रखने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
‘मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि ।
कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि’ ।
इच्छा अनुसार वर पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
हे गौरी शंकरार्धांगी । यथा त्वं शंकर प्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम् ॥
कार्य में सफलता प्राप्ति हेतु देवी पार्वती के इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा ।
इच्छित वर- वधू की प्राप्ति के लिए स्वयंवर कला पार्वती मंत्र का करना चाहिए-
अस्य स्वयंवरकलामंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, अतिजगति छन्दः, देवीगिरिपुत्रीस्वयंवरादेवतात्मनोऽभीष्ट सिद्धये मंत्र जपे विनियोगः ।