मंगल

पौराणिक मन्त्र

ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कांति समप्रभम् ।

कुमारं शक्तिहस्तं तं मङ्गलं प्रणमाम्यहम् ॥

वेद मन्त्र

ऊँ अग्निर्मूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम ।

अपां रेता सि जिन्वति ॥

ऊँ भौमाय नमः ॥

बीज मंत्र

ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ॥

जप संख्या – 10000

समय – सूर्योदय बाद

ग्रह पूजा मंत्र

ऊँ हूं श्रीं मंगलाय नमः ॥

यह मंत्र बोलते हुए मंगल प्रतिमा अथवा यंत्र का पूजन करें ।

मंगल की अनुकूलता के लिए उपाय

1. पीड़ित व्यक्ति को लाल रंग का बैल दान करना चाहिए । लाल रंग का वस्त्र, सोना, गेहूं, गुड़, तांबा, मसूर दाल, बताशा, मीठी रोटी का दान देना चाहिए ।

2. मंगल से सम्बन्धित रत्न दान देने से भी पीड़ित व्यक्ति को मंगल के दुष्प्रभाव में कमी आती है । मंगल ग्रह की दशा में सुधार हेतु दान देने के लिए मंगलवार का दिन और दोपहर का समय सबसे उपयुक्त होता है ।

3. जिनका मंगल पीड़ित है उन्हें मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए ।

4. मंगल पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करना उत्तम रहता है । मंगल पीड़ित व्यक्ति में धैर्य की कमी होती है अत: धैर्य बनाये रखने का अभ्यास करना चाहिए एवं छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए ।

5. लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए ।

6. ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए ।

7. बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है ।

8. लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए ।

9. मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए ।

10. बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए ।

11. अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए ।

मंगल के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु मंगलवार का दिन, मंगल के नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा में अधिक शुभ होते हैं ।

क्या न करें

1. आपका मंगल अगर पीड़ित है तो आपको क्रोध नहीं करना चाहिए ।

2. अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए ।

3. किसी भी चीज़ में जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए और भौतिकता में लिप्त नहीं होना चाहिए ।

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