पौराणिक मन्त्र
ॐ अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्य विमर्दनम् ।
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम् ॥
वेद मन्त्र
ऊँ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदा वृधः सखा ।
कया शचिष्ठया वृत ॥
ऊँ राहवे नमः ॥
बीज मंत्र
ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ॥
जप संख्या – 18000
समय- रात्रिकालीन
ग्रह पूजा मंत्र
ऊँ ऐं ह्रीं राहवे नमः ॥
राहु की अनुकूलता के लिए उपाय
1. अपनी शक्ति के अनुसार संध्या को काले-नीले फूल, तिल, सरसों तेल, गोमेद, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, खोटे सिक्के, लोहे के हथियार, कम्बल, नीला वस्त्र किसी कोढ़ी को दान में देना चाहिए । सफाई कर्मियों को लाल अनाज देने से भी राहु की शांति होती है ।
2. राहु से पीड़ित व्यक्ति को इस ग्रह से सम्बन्धित रत्न का दान करना चाहिए ।
3. राहु से पीड़ित व्यक्ति को मंगल, सोमवार व शनिवार को व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है । शिवजी की पूजा करें या महामृत्युंजय का जप करें ।
4. मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल दें ।
5. राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए ।
6. गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करवानी चाहिए ।
7. राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी ।
8. ऐसे व्यक्ति को अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए ।
9. हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए ।
10. अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए । सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है ।
11. जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए ।
12. दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए ।
13. यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रातःकाल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए ।
14. झुठी कसम नही खानी चाहिए ।
राहु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु शनिवार का दिन, राहु के नक्षत्र (आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं ।
क्या न करें
मदिरा और तम्बाकू के सेवन से राहु की दशा में विपरीत परिणाम मिलता है अत: इनसे दूरी बनाये रखनी चाहिए ।